बुधवार, 26 अप्रैल 2023

केरल ने घोषित किया देश का पहला जल बजट

 

केरल ने घोषित किया देश का पहला जल बजट

केरल की हरियाली से हर कोई परिचित है, लेकिन राज्य सरकार का मानना है कि राज्य में 44 से अधिक नदियां, दर्जनों झीलें, तालाब नहरें होने और अच्छी बारिश होने के बावजूद राज्य के कुछ इलाकों में गर्मियों में पानी की कमी का सामना करना पड़ता है।

ऐसी स्थिति से निकलने के लिए, केरल के, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने16 अप्रैल 23, सोमबार को राज्य के कुछ क्षेत्रों में पानी की कमी के समाधान के लिए पानी का बजट पेश किया और इस तरहं से “जल  बजट” अपनने वाला और स्थानीय निकाय स्तर पर इसे तैयार करने वाला पहला राज्य बन गया। राज्य द्वारा पहली बार 2019 में जल बजट का विचार रखा गया था।

परियोजना के पहले चरण में15 ब्लॉक पंचायतों की 94 ग्राम पंचायतों को शामिल किया जाएगा। बजट राज्य में स्थानीय स्तर पर पानी की उपलब्धता और खपत के आधार पर तैयार किया गया है।


(मुख्यमंत्री ने एलएसजी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शारदा मुरलीधरन को एक प्रति सौंपकर जल बजट जारी किया। समारोह की अध्यक्षता जल संसाधन मंत्री रोशी ऑगस्टाइन ने की
.)

श्री विजयन ने पानी बजट पेश करते हुये कहा कि हाल के अध्ययनों ने राज्य में पानी की कमी में वृद्धि की ओर इशारा किया है। इस परिदृश्य में, पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पानी की खपत के स्तर पर आधारित परियोजनाओं का होना महत्वपूर्ण है। जल बजट उस पानी की मात्रा पर विचार करता है जो एक विशेष क्षेत्र को समय के साथ मिलेगा और छेत्र की जनसंख्या के आधार पर पानी की खपत के साथ इसे संतुलित करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही राज्य में चौवालीस नदियां, बैकवाटर, झीलें, तालाब और धाराएं हैं, लेकिन जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के बाद के प्रभावों के कारण गर्मी के महीनों में कई क्षेत्रों में पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।

जल संसाधन विभाग के प्रतिनिधियों और क्षेत्र के विशेषज्ञों की एक समिति ने जल संसाधन विकास और प्रबंधन केंद्र (CWRDM) के परामर्श से यह बजट तैयार किया है। विशेषज्ञों की समिति का मानना है कि बजट किसी स्थान विशेष पर पानी की उपलब्धता और क्षेत्र में जनसंख्या के आधार पर उसकी खपत के बारे में आकड़ो पर आधारित, आकलन है। इस कदम का उद्देश्य पानी के उचित उपयोग के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना और इसके अपव्यय को रोकना भी है।

"पानी के उपयोग को एक क्षेत्र में इसकी उपलब्धता के अनुसार विनियमित किया जाना चाहिये। यहीं पर पानी का बजट की जरुरत पडती है। इससे पानी की अनावश्यक बर्बादी के खिलाफ जनता में जागरूकता आएगी और इसके माध्यम से हम जल संरक्षण प्राप्त कर सकते हैं। यह देश में अपनी तरह की पहली परियोजना है और अन्य राज्यों के अनुकरण के लिए एक उदाहरण होगी।“

श्री विजयन ने उम्मीद जताई कि सभी स्थानीय निकाय बजट में निर्धारित कदमों को निर्धारित समय के भीतर पूरा करने में सक्षम होंगे। गर्मियों की बारिश से एकत्रित पानी को,घरेलु उपयोग, इंडस्ट्री तथा कृषि और सिंचाई में समतामूलक इस्तेमाल करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। कार्यक्रम स्थानीय लोगों के परामर्श से तैयार किए जाने चाहिए।

केरल के जल बजट के बारे में लिम्नोलॉजिस्ट (सरोविज्ञानी यानी नदियों, झीलों आदि के अध्ययनकर्ता) और एससीएमएस जल संस्थान के निदेशक डॉ सनी जार्ज के अनुसार संसाधन का प्रबंधन करने के लिए सबसे पहले इसकी मात्रा निर्धारित करने की आवश्यकता होती है, यह किसी भी संसाधन के प्रबंधन का मूल सिद्धांत है. अब अगर हमे मांग और आपूर्ति के आंकड़े मिलेंगे तो एक सही तस्वीर मिलेगी। ऐसे में हम उचित योजना बनाने में न केवल सक्षम होंगे बल्कि इसके क्रियान्वयन में भी मदद मिलेगी। इस लिहाज से यह जल बजट निश्चित तौर पर एक अच्छी पहल के रूप में देखा जा सकता है”.

राजस्थान के अजमेर जिले के ब्लाक पीसांगन और तथा श्रीनगर की करनोस, समप्रोदा और नयार पंचायत में पंचायत स्तर पर सन 2021-22 में जल बजट बनाने के उदहारण सामने आये है। इसे वाटर सिक्यूरिटी प्लान (अटल भू जल योजना) के तहत बनाया गया। जल बजट के लिए वंहा, ग्राम पंचायत की जनसँख्या, छेत्रफल, पशु संख्या तथा वाटरशेड एरिया की जानकारी लेते हुए , कुल जल उपलब्धता रिपोर्ट (सतही जल, भू-जल, रेनफाल के आकड़ो के आधार पर) तैयार की गयी साथ ही जल उपयोग रिपोर्ट (घरेलु, उद्योग, किर्षी तथाअन्य के आकड़ो के आधार पर) भी बनाई गयी। इनसे उन्होंने पंचायत स्तर पर वाटर बैलेंस रिपोर्ट बनाई और अंत में सान्खिकीय टूल्स का उपयोग कर, इन्ही आंकड़ो के आधार पर सन 2050 के लिए अनुमानित जल बजट तैयार किया। जिसकी छाया प्रीति आप नीचे देख सकते हैं। लेकिन लगता है की यह अभ्यास, प्रोजेक्ट के लिए केवल प्रारंभिक प्रयोग बन कर रहे गया।


केरल राज्य और राजस्थान की इन पंचायतो से प्रेरणा लेते हुए, देश के अन्य राज्यों को भी “जल बजट” की अवधारणा को अपनाने और पंचायत स्तर पर जल बजट बनाने की प्रकिर्या यथा शीघ्र शुरू करनी चाहिये.

(सन्दर्भ – द हिन्दू , बिज़नेस स्टैंडरड, डाउन टू अर्थ, वाटर सिक्यूरिटी प्लान रिपोर्ट)

पानी से संबंधित सूचनाओ, समाचारों और सन्दर्भों का संकलनपानी पत्रक—

(117-26 अप्रैल 2023) जलधारा अभियान, 221,पत्रकार कॉलोनी, जयपुर- राजस्थान, 302020,

संपर्क- उपेन्द्रशंकर- 7597088300. मेल-jaldharaabhiyan.jaipur@gmail.com

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