उरुग्वे के राष्ट्रपति लुइस लैकले पो ने तीन साल के सूखे( पिछले सात महीने में भीषण) के बाद 19 जून को अपने मंत्रिमंडल के साथ बैठक के बाद,राजधानी मोंटेवीडियो और महानगरीय क्षेत्र में जल आपातकाल की घोषणा एक प्रेस कांफ्रेंस मेंकी। लंबे समय से सूखे के कारण पानीकी पूर्ति करने वाले विभाग को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।यह सब तब हुआ जबकि उरुग्वेदुनिया के सबसे स्वच्छ, सबसे प्रचुर जल स्रोतों वाले देशों में से एक है और 2004 मेंउरुग्वे उन पहले देशों में से एक था जहां पानी को निजीकरण से बचाने के लिए संविधान में संशोधन किया गया था औरदेश में 2004 से पानी एक मौलिक मानव अधिकार के रूप में संविधान में चिन्हित है
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प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, राष्ट्रपति लैकले पो ने बताया कि स्थिति को सुधारने के लिएउन्होंने राजधानी के लिए पीने के पानी का एक नया स्रोत प्रदान करने के लिए सैन जोस नदी पर एक जलाशय के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने आश्वासन दिया कि जलाशय और इसके पाइपलाइन नेटवर्क पर काम 20 जून से शुरू होगा और यह अधिकतम 30 दिनों के भीतर पूरा हो जाएगा।
राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि राज्य स्वच्छता वर्क्स (सरकारी पानी विभाग ) द्वारा मई में, कमी को दूर करने के लिए, ला प्लाटा नदी(जो अटलांटिक महासागर से जुड़ा एक मुहाना है) से खारा पानी मिलाकर सप्लाई करना शुरू किया| आपूर्ति किए गए पानी में मौजूद सोडियम (440 मिलीग्राम प्रति
लीटर) और क्लोरीन (750 मिलीग्राम
प्रति
लीटर) के बढ़े हुए स्तर के बिना, पानी की एक विशेष आपूर्ति की गारंटी अस्पतालों और बाल और किशोर संस्थान और परिवार देखभाल केंद्रों के लिए दी जाएगी।घरों में पानी की सामान्य आपूर्ति के बारे में, राष्ट्रपति ने कहा कि यह पहले की तरह जारी रहेगा, लेकिन चेतावनी दी कि इसकी गुणवत्ता और भी खराब हो सकती है। साथ ही यह भी कहा कि पानी की गुणवत्ता के बारे में लोगोंको प्रतिदिन सूचित किया जाएगा। इसके अलावा, राज्य के प्रमुख ने आश्वासन दिया कि सरकार लगभग 21,000 कमजोर परिवारों को दो लीटर मुफ्त पानी की आपूर्ति करेगी।
इसके पहले, सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने "भोजन में नमक का उपयोग कम" करने के लिए लोगों से कहा। उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों, गुर्दे की बीमारियों, शिशुओं और गर्भवती महिलाओं को सलाह दी गई कि वे सावधानी बरतें और बोतलबंद पानी का सेवन करने पर विचार करें। सरकार ने आयातित बोतलबंद पानी पर करों को निलंबित करके और कमजोर निवासियों को बोतलबंद पानी खरीदने के लिए सब्सिडी प्रदान करके संकट में रहत देने की कोशिश की.
लेकिनकुछ दिनों बाद बोतलबंद पानी की बिक्री तीन गुना हो गई और इसकी कीमत पांच गुना बढ़ गई।राजधानी के निवासियों को बोतलबंद पानी पर हर दिन औसतन 300 पेसो या 8 अमरीकी डालर खर्च करने के लिए मजबूर किया गया है।
जल आपातकाल की स्तिथि क्यों बनी
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देखा जाए तो उरुग्वे पिछले साढ़े तीन साल के सूखे (कम बारिश और ज्यादा तापमान)सेजूझ रहा है, जो लगभग एक सदी में सबसे बुरा है। उरुग्वे में बारिश आम तौर पर सर्दियों में ठंडी हवाओं और गर्मियों में बार-बार आने वाले तूफानों का परिणाम होती है। पर इस गर्मी (दिसंबर २०२२ से फरवरी २०२३) में बहुत कम बारिश हुई।राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संस्थान द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार, गर्मी के मौसम के दौरान औसत वर्षा 126.4 मिमी थी, जो संदर्भ अवधि के औसत बर्षा से 225.4 मिमी कम थी। पिछले 42 वर्षों में वर्तमान गर्मी रिकॉर्ड पर सबसे शुष्क रही है, जो बताती है कि पूरा देश वर्तमान में सूखे से प्रभावित क्यों है, 20.51% क्षेत्र,
जो 3,623,300 हेक्टेयर के बराबर है, अत्यधिक सूखे के अधीन है
लेकिन नेस्टर माज़ेओ और मारियाना मीरहॉफ़ जैसे विशेषज्ञों का मानना है कि संकट सिर्फ कम बारिश होना नहीं है संकट स्पष्ट रूप से राष्ट्रीय और अन्तेर राष्ट्रीय मीडिया में दिए कारणों, ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु संकट, की तुलना में अधिक जटिल है.
उनका कहना है किमेट्रोपॉलिटन मोंटेवीडियो (जहां देश की 60% आबादी रहती है) अपना पीने का पानी विशेष रूप से एक वाटरशेड-सांता लूसिया नदी पर बने बांध, पासो सेवेरिनो,, से प्राप्त करता है, जो 67 मिलियन क्यूबिक मीटरपानी का भंडारण करता है,लेकिन अप्रैल-मई
2023 मेंइसमें केवल 3.7 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी रह गया था.
लेकिन सांता लूसिया काबांधकेवल व्यक्तिगत उपभोग के लिए पानी की आपूर्ति नहीं करता है। देश के डेयरी और कृषि उत्पादन का एक बड़ा हिस्सा मोंटेवीडियो के आसपास के इलाकों में होता है। जबकि पहले अधिकांश कृषि स्वतंत्र रूप से घूमने वाले मवेशियों के इर्द-गिर्द घूमती थी, लेकिनपिछले 15-20 वर्षों में सोया की मोनोकल्चर और पेपर पल्प के उत्पादन के लिए वानिकी सहित फसलों के गहन उत्पादन ने अधिक से अधिक जल की मांग की । कुछ अनुमानों के अनुसार उरुग्वे में पीने योग्य पानी के वर्तमान उपयोग का 80% तक का उपयोग निर्यात आधारित कृषि के लिए किया जा रहा है। इसीलिएजानकार विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में परस्पर विरोधी हितों के चलते समन्वय की गंभीर कमी को भी एक कारण के रूप में देखते हैं.
साथ ही परेशान करने वाली यह बात भी बताई जाती है कि उरुग्वे में कुल पीने योग्य पानी का 50% से अधिक वितरण में बर्बाद हो जाता है - पाइपों की लीकेज के माध्यम से।लेकिन सरकारों ने काफी सालों से पानी के इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्चे को कम कर रखा है .
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों के अनुसार मोंटेवीडियो और उसके महानगरीय क्षेत्र में भूजल निकासी का उचित प्रबंधन राजधानी के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति के संकट को दूर कर सकता है. पर यंहा यह बात ध्यान देने लायक है कि अनियंत्रित भूजल निकासी
से जलभृतों का अत्यधिक दोहन हो सकता है और
वे प्रदूषित हो सकते हैं। कैनेलोन्स और माल्डोनाडो जैसे छेत्रो में, अत्यधिक
दोहन के कारण तटीय जलभृतों में समुद्री जल का प्रवेश हो गया है और मीठा जल काप्रदूषित हो गया है।
15 जून 2023 को प्रसिद्धअख़बार “द गार्जियन” नेटिम स्मेदलेव का एक आर्टिकल “सूखा अगली महामारी बनने की कगार पर है' शीर्षकसे छापा. यानि की सूखा भविष्य में कई सालो तक बना रह सकता है और बार बार भी पड़ सकता है. कई रिसर्चस्टडीज भी यही प्रदर्शित करते हैं, कि भविष्य में, दुनिया भर में, सूखे वर्ष ज्यादा शुष्क होंगे.
हमें यह भी याद रखना चाहिये किउरुग्वे के 2004 के संवैधानिक सुधार ने पानी और स्वच्छता सेवाओं के निजीकरण को उलट दिया था. इस सुधार ने जल और स्वच्छता प्रशासन में सार्वजनिक छेत्रके महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का संकेत दिया। 2010 में, सरकार ने संवैधानिक सुधार को लागू करने के लिए "राष्ट्रीय जल योजना" (एनडब्ल्यूपी) शुरू की। डिज़ाइन के अनुसार, एनडब्ल्यूपी में समाज के विभिन्न क्षेत्रों के दृष्टिकोण, चिंताओं और प्रस्तावों को शामिल किया गया. लेकिन फिर भी उरुग्वे में पानी का यह संकट दुनिया के अधिकांश लोगों, नीति निर्धारको, नेताओं के लिए एक वास्तविक चेतावनी है कि वे पानी से जुडी सुरक्षा, खपत और उत्पादन नीतियों में परवर्तन कर बदलते मौसम के साथ अनुकूलन का प्रयास करें.
( सन्दर्भ –पीपल्स डिस्पेच, रायटर्स,लैटिन अमेरिका न्यूज़,ब्लूमबर्ग,गुरुगे,प्रयूसा लैटिना )
(118-30 जून 2023) जलधारा अभियान, 221,पत्रकार कॉलोनी, जयपुर-राजस्थान,302020,
संपर्क-उपेन्द्र शंकर -7597088300.मेल-jaldharaabhiyan.jaipur@gmail.com