16 जुलाई 2023 को कई समाचार संस्थाओं ने खबर दी कि इज़राइली राष्ट्रीय जल कंपनी मेकेरोट ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में मशहूर और पवित्र माने जाने वाले शहरों, हेब्रोन और बेथलेहम, को आपूर्ति की जाने वाली पानी की दैनिक मात्रा कम कर दी है, हेब्रोन में 2,15,000 फिलिस्तीनियों की आवादी (2016) थी और बेथलेहम में 2017 में करीब 2,10,000 की. फिलिस्तीनी जल प्राधिकरण (पीडब्ल्यूए) ने कहा कि पानी की आपूर्ति में कटौती प्रति दिन लगभग 6,000 कप यानि 1419 लीटर के बराबर है। ऐसा माना जा रहा है कि कटौती से इस शहरों में फ़िलिस्तीनियों पर भारी असर पड़ेगा, ख़ासकर गर्मी के अत्यधिक तापमान और लू से।
पीडब्ल्यूए ने यह भी कहा कि इस निर्णय के लिए कोई "तकनीकी कारण" नजर नहीं आते, बल्कि यह निर्णय इजरायली अधिकारियों द्वारा इजरायली कब्जे वाले इलाके में रहने वाले फिलिस्तीनियों के खिलाफ भेदभाव करने के लिए उठाया गया नवीनतम कदम माना जाना चाहिये.हालांकि कब्जे वाले वेस्ट बैंक के प्रभारी इजरायली निकाय और इज़राइल की सरकारी गतिविधियों का समन्वय वाली इकाई ने पानी में किसी प्रकार की कटौती से इंकार किया है.
लेकिन यह पहली बार नहीं हुआ, जून 1967 , जब इस्राइल ने वेस्ट बैंक इलाके
(करीब 60%) पर कब्जा जमा लिया और वंहा यहुदिओं की बस्तियां बसाना शुरू किया, फिलिस्तीनी
इलाकों में पानी सप्लाई का कम करना समय समय पर जारी रहा. अधिकार
समूहों के कार्यकर्ताओं ने फिलिस्तीनियों और इजरायलियों को आपूर्ति किए जाने वाले
पानी की मात्रा के बीच असमानता को बार-बार उजागर किया है। इज़रायली अधिकार समूह बी
त्सेलेम के अनुसार, कब्जे वाले वेस्ट बैंक और यरूशलेम में
रहने वाले इज़रायली नागरिक प्रति व्यक्ति प्रति दिन लगभग 247 लीटर पानी की आपूर्ति
का उपयोग करते हैं। इसके विपरीत,
फ़िलिस्तीनी प्रति व्यक्ति प्रति दिन 82.4 लीटर की आपूर्ति की खपत
करते हैं- लगभग तीन गुना कम। मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र
कार्यालय (ओसीएचए) के अनुसार, वेस्ट बैंक के कई चरवाहा समुदायों में,
हजारों
फिलिस्तीनियों के लिए पानी की खपत प्रति व्यक्ति प्रति दिन 20
लीटर से भी कम है। यंहा यह भी जानने के लिए महत्वपूरणहै कि 2017 से इजरायली जल प्राधिकरण द्वारा वेस्ट बैंक में
कृषि जल आवंटन पर विस्तृत डेटा प्रकाशित करना बंद कर दिया गया . .
इसका
एक मुख्य कारण यह है कि फिलीस्तीनी जल संसाधनों का 85% हिस्सा वर्तमान में इज़राइल
द्वारा नियंत्रित है। जून 1967 में इज़राइल द्वारा पूर्वी यरुशलम और
गाजा पट्टी सहित वेस्ट बैंक पर कब्ज़ा करने के तुरंत बाद, इज़राइली सैन्य
अधिकारियों ने कब्जे वाले फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों (ओपीटी) में सभी जल संसाधनों और
पानी से संबंधित बुनियादी ढांचे को पूरी तरह हथिया लिया । नवंबर 1967
में इजरायली अधिकारियों ने सैन्य आदेश 158 जारी किया, जिसमें कहा गया
कि फिलिस्तीनी इजरायली सेना से परमिट प्राप्त किए बिना किसी भी नए जल प्रतिष्ठान
का निर्माण नहीं कर सकते। तब से, किसी भी नए स्रोत से पानी निकालने या
किसी नए जल बुनियादी ढांचे के विकास के लिए इज़राइल से परमिट की आवश्यकता होती है ,
जिसे
प्राप्त करना लगभग असंभव है। इज़रायल के सैन्य कब्जे में रहने वाले फ़िलिस्तीनी आज
तक इस आदेश के विनाशकारी परिणाम भुगत रहे हैं। संयुक्त
राष्ट्र का कहना है कि क्षेत्र सी ( पूर्णतया कब्जे वाला छेत्र ) में
फिलिस्तीनियों द्वारा उपयोग की जाने वाली 270 से अधिक पानी
और सीवेज सुविधाओं को पिछले पांच वर्षों में इस आधार पर ध्वस्त कर दिया गया है कि
बुनियादी ढांचा अवैध है।
जॉर्डन नदी और ताजे पानी के झरनों तक पहुंच से वंचित होने के अलावा, वे नए पानी के कुएं खोदने, पंप स्थापित करने या मौजूदा कुओं को गहरा करने में असमर्थ हैं। इज़राइल पश्चिमी तट के अधिकांश हिस्सों में वर्षा जल के संग्रह को भी नियंत्रित करता है, और फिलिस्तीनी समुदायों के स्वामित्व वाले वर्षा जल संचयन टैंक अक्सर इजरायली सेना द्वारा नष्ट कर दिए जाते हैं। परिणामस्वरूप, कब्जे वाले वेस्ट बैंक के ग्रामीण इलाकों में लगभग 180 फिलिस्तीनी समुदायों के पास बहते नल के पानी तक पहुंच नहीं है। यहां तक कि जल नेटवर्क से जुड़े कस्बों और गांवों में भी नल अक्सर सूख जाते हैं जो कि करीब 36% फ़िलिस्तीनी को सेवा प्रदान करते हैं
.( विश्व जल दिवस 21 मार्च 2023 को गाजा शहर में विश्व जल दिवस के अवसर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक फिलिस्तीनी व्यक्ति (दाएं) ने एक तख्ती पकड़ रखी थी जिस पर अरबी में लिखा था, "पानी की एक बूंद जीवन के बराबर है"।)
फ़िलिस्तीन की पानी तक पहुंच को प्रतिबंधित
करते हुए, इज़राइल ने अपने स्वयं के
नागरिकों के उपयोग के लिए वेस्ट बैंक में अपने स्वयं के जल बुनियादी ढांचे और जल
नेटवर्क को प्रभावी ढंग से विकसित किया है . इज़रायली राज्य के स्वामित्व वाली जल
कंपनी मेकोरोट ने अपनी आबादी, जिसमें अवैध बस्तियों में रहने वाले
लोग भी शामिल हैं, को घरेलू, कृषि और
औद्योगिक उद्देश्यों के लिए पानी की आपूर्ति करने के लिए कब्जे वाले वेस्ट बैंक
में व्यवस्थित रूप से कुएं खोदे हैं जलभृत और झरनों का दोहन किया है। इजरायली कम्पनी
मेकोरोट, फिलिस्तीनी जल प्राधिकरण को भी कुछ पानी बेचता है, लेकिन राशि इज़रायली अधिकारियों द्वारा
निर्धारित की जाती है। निरंतर प्रतिबंधों के परिणामस्वरूप, वेस्ट बैंक में
कई फिलिस्तीनी समुदायों के पास ट्रकों द्वारा लाए गए पानी को 4 से
10 अमेरिकी डॉलर प्रति घन मीटर की ऊंची कीमत पर खरीदने के अलावा कोई
विकल्प नहीं है। कुछ सबसे गरीब समुदायों में, पानी का खर्च,
कभी-कभी,
परिवार
की मासिक आय का आधा हिस्सा बन सकता है।
इज़रायली अधिकारी वेस्ट बैंक के बड़े हिस्से तक
फिलिस्तीनियों की पहुंच को अस्वीकार या प्रतिबंधित करके पानी तक उनकी पहुंच को भी
प्रतिबंधित करते हैं। वेस्ट बैंक के कई हिस्सों को "बंद सैन्य क्षेत्र"
घोषित किया गया है, जिसमें फ़िलिस्तीनी प्रवेश नहीं कर सकते,
क्योंकि
वे इज़रायली बस्तियों के करीब हैं, इज़रायली निवासियों द्वारा उपयोग की
जाने वाली सड़कों के करीब हैं, इज़रायली सैन्य प्रशिक्षण या संरक्षित
प्रकृति भंडार के लिए उपयोग किए जाते हैं।
इस तरह इज़राइल अपनी उन्नत जल और अपशिष्ट जल
प्रौद्योगिकी और फिलिस्तीनी जल संसाधनों पर नियंत्रण के कारण जल अधिशेष हासिल करने
में कामयाब रहा है। ऐसा
माना जाता है कि इज़राइल अब अपनी ज़रूरत से 20 प्रतिशत अधिक पानी का उत्पादन करता है
इजराइल द्वारा पानी का हथियारीकरण और कब्जे को “बसाने वाले उपनिवेशवाद” की एक लंबे
समय से चली आ रही प्रथा ( जैसे कनाडा, ऑस्ट्रेलिया,अमेरिका ) के रूप में माना जा
सकता है। इसीलिए पश्चिमी देशों और अमेरिका ने इज़राइल के संबंध
में अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून लागू करने में बहुत कम रुचि दिखाई है।
( सन्दर्भ –पीपल्स डिसपेच, द गार्जियन ,अल जजीरा ,मिडिल ईस्ट आई ,एमनेस्टी इंटरनेशनल )
पानी से संबंधित सूचनाओ,समाचारों और सन्दर्भों का संकलन –पानी पत्रक-(120-8 अगस्त २०२३) जलधारा अभियान, 221,पत्रकार कॉलोनी,जयपुर-राजस्थान,302020,संपर्क-उपेन्द्र शंकर-7597088300.मेल-jaldharaabhiyan.jaipur@gmail.com