सोमवार, 23 दिसंबर 2024

भागलपुर में किसानों,मछ‌आरों और जल श्रमिकों का धरना प्रदर्शन

 बिहार सरकार ने भागलपुर ज़िले में घोरघट से लेकर कहलगांव और पिरपैंती तक गंगा में मछली मारने पर रोक लगाकर लगभग दस लाख से अधिक मछुआरों की आजीविका पर हमला किया है। इसी परिपेक्ष्य में  23 दिसम्बर 2024 को भागलपुर में गंगा मुक्ति आंदोलन,संयुक्त किसान मोर्चा मोर्चा, जल श्रमिक संगठन, गंगोत्री समाज एवं अन्य संगठनों के संयुक्त तत्वावधान में भागलपुर समाहरणालय के सामने धरना एवं प्रतिरोध सभा आयोजित किया गया।

धरने में में जल श्रमिकों,मछुआरों और किसानों, महिलाओं तथा युवाओं ने जमकर हिस्सा लिया और घोषणा की यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो आने वाले दिनों में भागलपुर में शासन और प्रशासन को पूरी तरह ठप्प कर दिया जाएगा।

जिला अधिकारी प्रदर्शनकारियों से सामना करने तथा उनकी मांगों से जुड़े सवालों पर प्रसाशन का रुख रखने के बजाय पहले मिटिंग में व्यस्त होने का हवाला देते रहे और बाद में चुपके से निकल ग‌ए। बाद में जिला अधिकारी ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर एडीएम स्तर के अधिकारी को भेजा और आंदोलनकारी नेताओं ने उन्हें मांग पत्र सौंपा।जिसे  (आपके समर्थन के लिए ) यंहा दिया जा रहा है :-


सेवा में ,

जिला पदाधिकारी भागलपुर 

विषय : गंगा  मुक्ति आंदोलन , जल श्रमिक संघ , बिहार प्रदेश मत्स्यजीवी जल श्रमिक संघ एवं साथी संगठनों के धरना का मांग पत्र .

 महाशय ! 

 आज 23 दिसंबर 2024 को समाहरणालय पर आयोजित धरना के माध्यम से हम कहना चाहते हैं कि 

1.भागलपुर के गंगा नदी में सुल्तानगंज के जहांगीरा ( घोरघट पुल ) से पीरपैंती के हजरत पीरशाह कमाल  दरगाह तक बिहार सरकार के पशुपालन एवं मत्स्य विभाग ने अपने ज्ञापांक 2294 /मत्स्य / पटना दिनांक 11 दिसंबर 1991 द्वारा पारंपरिक मछुओं हेतु शिकारमाही के लिए निःशुल्क घोषित किया है 

2 .निःशुल्क शिकारमाही की घोषणा के पूर्व ही पर्यावरणविभाग बिहार पटना द्वारा 22 अगस्त 1990 को सुल्तानगंज से कहलगांव तक विक्रमशिला गांगेय डॉल्फिन आश्रयणी क्षेत्र घोषित किया जा चुका था .

3. सरकार ने निःशुल्क शिकारमाही के अधिकार को किसी भी आदेश से निरस्त नहीं किया है. 

4 .वन विभाग मौखिक रूप से जबरदस्ती कहता है कि उपरोक्त क्षेत्र में मछली पकड़ना मना है.मछली पकड़ने से रोकने के लिए तरह तरह का बेबुनियादझूठ और मनगढ़ंत आरोप मछुओं पर लगाया जाता है . सच्चाई ये है कि गैर मछुओं और सोसाइटी द्वारा गंगा में अवैध जाल चलाया जाता है और जिंदा धार में बाड़ी बांधा जाता है उसे वन विभाग कुछ नहीं कहता है . 

5. मछलियों के ब्रीडिंग सीजन में 3 महीने तक जब मछली पकड़ना प्रतिबंधित रहता है तो सरकार उस तीन महीने का 1500 ₹ की दर से 4500 ₹ मुआवजा देती है. तो यह कैसे हो सकता कि बगैर मुआवजा के मछली पकड़ना सालों भर प्रतिबंधित कर दिया जाय

6. वन विभाग यह बताने के लिए तैयार नहीं है कि सोंस की स्वाभाविक उम्र कितनी है? उम्र पूरा कर , बीमारी से , कुपोषण से और प्रदूषण से वर्ष में कितने सोंस मरते हैं

7. विशेषज्ञों का कहना है कि क्रूज के चलन, फरक्का बराज और गंगा के प्रदूषण का, सोंस के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है.

8. वन विभाग नगर निगम / नगर परिषद / नगर पंचायत और एनटीपीसी पर गंगा को प्रदूषित कर डॉल्फिन मारने पर कोई कारवाई  या मुकदमा क्यों नहीं करती

9. वन विभाग के कहने पर तथा उसके रवैए के कारण मत्स्य विभाग मछुओं को निःशुल्क शिकारमाही का परिचय पत्र निर्गत करने में आना कानी और टाल मटोल करता है. 

10. वन विभाग अवैध रूप से बाड़ी (जो डॉल्फिन के लिए हानिकारक है )बांधने पर कोई कारवाई क्यों नहीं करता

 

 इस परिप्रेक्ष्य में हम मांग करते हैं कि 

(a)मछुओं को मछ्ली पकड़ने से रोकने और प्रताड़ित करने का मुकदमा वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर चलाया जाय . ज्ञात हो कि 14 दिसंबर 2024 को कहलगांव के मछुओं का जाल किनारे पर से उठा लिया गया एवं महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार भी किया गया है .

( b ) वन विभाग द्वारा बाड़ी बांधने के एवज में किए जा रहे अवैध वसूली से रोका जाय 

(c) बिहार सरकार द्वारा घोषित निःशुल्क शिकारमाही के अधिकार को  कारगर और सक्रिय किया जाय . इसके लिए निःशुल्क शिकारमाही के परिचय पत्र बनाने की प्रक्रिया तेज की जाय .

(d) गंगा में एनटीपीसी द्वारा प्रवाहित जल तथा शहर के गंदे पानी को गंगा में गिरने से रोका जाय 

(e) पीरपैंती में थर्मल पावर स्टेशन बनने से गंगा का प्रदूषण स्तर बढ़ेगा इसलिए उसे रोककर सोलर बिजली घर बनाया जाय .

(f) गंगा की निर्मलता बरकार रखने , डॉल्फिन को दुष्प्रभाव से बचाने , बाढ़ की विभीषिका और जल जमाव  कम करने तथा गंगा में मछली बढ़ाने हेतु फरक्का बराज के सभी गेट खोल दिए जाएं या उसके नीचे सुरंग बनाया जाय .

 (g) नदी आधारित मछुओं को वैकल्पिक मत्स्य पालन और रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएं .

( h) पारंपरिक मछुओं की आजीविका सुनिश्चित करने हेतु फ्री फिशिंग एक्ट बनाने की प्रक्रिया चलाई जाय .

                                            निवेदक 

गंगा मुक्ति आंदोलन 

जल श्रमिक संघ 

बिहार प्रदेश मत्स्यजीवी जल श्रमिक संघ 

संयुक्त किसान मोर्चा 

राष्ट्र सेवा दल 

पसमांदा मुस्लिम महाज

(सन्दर्भ – अनिल प्रकाश और उदय की फेसबुक वाल )

पानी पर्यावरण से संबंधित सूचनाओ,समाचारों और सन्दर्भों का संकलन –पानी पत्रक

पानी पत्रक (199 – 24 दिसम्बर 2024 ) जलधारा अभियान221,पत्रकार कॉलोनी,जयपुर-राजस्थान,302020, संपर्क-उपेन्द्रशंकर-7597088300.मेल-jaldharaabhiyan.jaipur@gmail.com




 

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