बुधवार, 28 अगस्त 2024

सब बह गया

 भूस्खलन से पहले और बाद में मुंडक्कई (वायनाड) की उपग्रह छवियां


स्रोत: प्लैनेट लैब्स (भूस्खलन के बाद); Google © 2024 मैक्सार टेक्नोलॉजीज, एयरबस (भूस्खलन से पहले)

उपरोक्त ,उपग्रह इमेजरी के रॉयटर्स दुआरा  किये गये , विश्लेषण से पता चलता है कि 30 जुलाई 2024  को दक्षिण भारतीय राज्य केरल में हुए भूस्खलन ने मुंदक्कई और चूरलमाला की सबसे बुरी तरह प्रभावित बस्तियों में 200 से अधिक इमारतों को पूरी तरह से बहा दिया . यह विश्लेषण 12 अगस्त को सैटेलाइट फर्म प्लैनेट लैब्स द्वारा प्राप्त भूस्खलन की ताज़ा तस्वीरों की तुलना आपदा से पहले की तस्वीरों से करने से प्राप्त हुआ । भूस्खलन ने स्रोत से पाँच किमी (3 मील) नीचे तक की बस्तियों को ( पीले रंग के वर्गकार / आयताकार निशान इमारतों को दिखाते हैं ) नुकसान पहुँचाया

पीपल्स साएन्स मूवमेंट के डॉ डी रघुनन्दन की टिप्पणी--शानदार और भयावह चित्रण. भारत के लिए एक वास्तविक सबक और "विकास" का एक विकृत दृष्टिकोण, निर्दयतापूर्वक बह गया। आज, उपग्रह डेटा को जमीनी सच्चाई वाले भूभौतिकीय डेटा के साथ संयोजित करने वाले माइक्रो-जोनेशन जोखिम मूल्यांकन मानचित्रों की आवश्यकता है, जिसके अनुसार अस्थिर पश्चिमी और पूर्वी हिमालय और पश्चिमी घाट क्षेत्रों में बस्तियों, सड़कों, बुनियादी ढांचे, औद्योगिक/वाणिज्यिक गतिविधियों को फिर से विनियमित किया जाना चाहिए.

(सन्दर्भ –रायटर्स .कॉम >ग्राफ़िक्स ,आल इंडिया पीपल्स साईंस नेटवर्क  का ग्रुप व्हात्सप्प )

 पानी से संबंधित सूचनाओ,समाचारों और सन्दर्भों का संकलन –पानी पत्रक  (169-29 अगस्त 2024)जलधारा अभियान221,पत्रकार कॉलोनी,जयपुर-राजस्थान,302020,संपर्क-उपेन्द्रशंकर-7597088300.मेल-jaldharaabhiyan.jaipur@gmail.com

 

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