बुधवार, 4 सितंबर 2024

भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक पांच वर्षों में

अत्यधिक बारिश की घटनाएं दो गुनी हो गयीं

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया है कि पिछले महीने  यानि जुलाई 2024 में , 193 मौसम रिकॉर्डिंग स्टेशनों ने अत्यधिक भारी वर्षा (24 घंटे में 204.5 मिमी से अधिक) दर्ज की गई जबकि साल 2020 और 2021 में यह आंकड़ा क्रमशः 90 स्टेशनों और 121 स्टेशनों का था.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुरुवार (1 अगस्त 2024 ) को  एक प्रेजेंटेशन के दौरान  बताया कि इस साल जुलाई में भारत में अत्यधिक भारी बारिश की घटनाओं की संख्या पांच साल पहले जुलाई की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है.

 आईएमडी ने  बताया कि पिछले महीने 193 मौसम रिकॉर्डिंग स्टेशनों ने अत्यधिक भारी वर्षा दर्ज की थी- जिसे 24 घंटे की अवधि में 204.5 मिमी से अधिक के रूप में परिभाषित किया गयाजबकि 2020 में 90 स्टेशनों और 2021 में 121 स्टेशनों ने अत्यधिक भारी वर्षा दर्ज की थी. पिछले साल 205 स्टेशनों ने अत्यधिक भारी बारिश दर्ज की थी.

जुलाई में बहुत भारी वर्षा (115.6 मिमी और 204.5 मिमी के बीच) दर्ज करने वाले स्टेशनों की संख्या भी बढ़ी है – 2020 में 447 स्टेशन, 2021 में 638, 2022 में 723 और 2023 में 1,113 और  इस साल 1,030 हो गई .

आईएमडी ने बताया कि 1 जून 2024, को मानसून सीजन की शुरुआत के बाद से पूरे भारत में सामान्य बारिश हुई है- लंबी अवधि के औसत का 1.8 प्रतिशत . हालांकि, क्षेत्रों में हुयी बारिश में  व्यापक असमानताएं हैं मध्य भारत में औसत से 16 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है, दक्षिणी प्रायद्वीप में औसत से 26 प्रतिशत अधिक, लेकिन उत्तर-पश्चिम, पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में पिछले दो महीनों में औसत वर्षा से लगभग 18 प्रतिशत कम बारिश हुई है.

देश में होने वाली सालाना बारिश में मानसून की बारिश का हिस्सा करीब 75 प्रतिशत होता है और यह देश की कृषि, अर्थव्यवस्था और जल संसाधनों के लिए महत्वपूर्ण है. इस मौसम में चावल, मक्का, बाजरा, तिलहन, दालें, गन्ना और कपास प्रमुख फसलें हैं.

जुलाई के दौरान पूरे भारत में बारिश लंबी अवधि के औसत से 9 प्रतिशत अधिक रही. आईएमडी के एक अधिकारी ने बताया कि प्रशांत महासागर और हिंद महासागर के पानी के तापमान की सीमाओं और भारत के आसपास के समुद्रों पर तीन कम दबाव क्षेत्रों के निर्माण सहित कई मौसमी स्थितियों ने जुलाई में भरपूर बारिश में योगदान दिया.

मुंबई, पुणे, सूरत, पणजी और केरल उन स्थानों में शामिल हैं जहां पिछले महीने अत्यधिक भारी बारिश हुई.

द टेलीग्राफ में छपे के मुताबिक, आईएमडी ने कहा कि अगस्त के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश सामान्य या सामान्य से अधिक होगी, जिसमें अधिकतम तापमान भी सामान्य से अधिक रहने की संभावना है.

आईएमडी ने इस साल की शुरुआत में भविष्यवाणी की थी कि पूरे भारत में चार महीने के मानसून मौसम में लंबी अवधि के औसत का 106 प्रतिशत होगा, जिसे सामान्य से अधिक माना जाता है. साथ ही  यह भी भविष्यवाणी की थी कि देश के कथित मानसून कोर ज़ोन’, जो देश के अधिकांश वर्षा सिंचित क्षेत्रों को कवर करता है, में भी 106 प्रतिशत बारिश होने की 57 प्रतिशत संभावना है.

जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि अत्यधिक वर्षा की घटनाओं में देखी गई वृद्धि वैश्विक तापमान वृद्धि के अनुरूप ही है. लेकिन पिछले पांच वर्षों में देखे गए ये परिवर्तन इस प्रवृत्ति का हिस्सा हैं या नहीं, इसके लिए और अध्ययन की आवश्यकता होगी.

( सन्दर्भ – द टेलीग्राफ, द वायर,आईएमडी साईट )

पानी से संबंधित सूचनाओ,समाचारों और सन्दर्भों का संकलन पानी पत्रक  (171-05 सितम्बर 2024)जलधारा अभियान221,पत्रकार कॉलोनी,जयपुर-राजस्थान,302020,संपर्क-उपेन्द्र शंकर-7597088300.मेल-jaldharaabhiyan.jaipur@gmail.com



 

 

 

 



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