मेधा पाटकर ने बैंकों से
केरल बैंक के उदाहरण का अनुसरण करने और ऋणों को माफ करने का आह्वान किया
[नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर वायनाड जिले के मेप्पाडी में भूस्खलन से प्रभावित लोगों से बातचीत करती हुई। (द हिन्दू )]
वायनाड के मेप्पाडी में, 12 ओक्टुबर
2024,को
एक विरोध रैली और सार्वजनिक सम्मेलन
आयोजित किया गया, जिसमें मुंडक्कई - वायनाड के चूरलमाला
में भारत के सबसे बड़े भूस्खलन से प्रभावित लोगों के सभी ऋणों को पूर्ण और बिना
किसी शर्त रद्द करने की मांग की गई।
प्रभावित क्षेत्रों के 300 से अधिक लोगों ने विरोध मार्च में भाग
लिया और बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों से ऋणों को माफ करने की पहल करने की
मांग की, जैसा कि राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति
में चर्चा की गई थी।
सम्मेलन का उद्घाटन प्रसिद्ध पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता
मेधा पाटकर, नेशनल अलायंस ऑफ पीपुल्स मूवमेंट्स
(एनएपीएम) की राष्ट्रीय संयोजक ने किया। शाजिमोन चूरलमाला ने सार्वजनिक सम्मेलन
में आए अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा नसीर अलक्कल ने बैठक की
अध्यक्षता की।
मेप्पाडी बस स्टैंड पर
आयोजित सार्वजनिक सम्मेलन में बोलते हुए पाटकर ने बैंकों और राज्य स्तरीय बैंकर्स
समिति से क्षेत्र में आपदा से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित सभी लोगों
के ऋण तत्काल और बिना शर्त माफ करने का आह्वान किया। नर्मदा घाटी सहित पूरे भारत
में पर्यावरण संघर्षों से संबंधित पुनर्वास मुद्दों पर अपने व्यापक अनुभव से पाटकर
ने जोर देकर कहा कि पूर्ण पुनर्वास ही इस संकट का एकमात्र स्थायी समाधान है।
उन्होंने चूरलमाला रिलीफ सेंटर के नेतृत्व में पूर्ण ऋण माफी के लिए चल रहे जन
अभियान को अपना पूर्ण समर्थन और एकजुटता देने का वचन दिया।
कलपेट्टा के विधायक एडवोकेट टी. सिद्दीकी मुख्य अतिथि थे। उन्होंने
ऋण माफी अभियान के लिए अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया और लोगों को बताया कि
उन्होंने विधानसभा में इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया है। उन्होंने आपदा
प्रभावित लोगों को दिए जाने वाले राहत कोष से ऋण की ईएमआई काटने के लिए चूरलमाला
और मुंडक्कई क्षेत्रों के बैंकों की निंदा की और उन्हें "लाशों पर शिकार करने
वाले बाज" की तरह बताया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ये प्रथाएं जारी रहीं, तो वे और अधिक जोरदार विरोध प्रदर्शन
के लिए सड़कों पर उतरे लोगों के साथ शामिल होंगे। उन्होंने राज्य स्तरीय बैंकर्स
समिति से लोगों के हित में तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया और बिना शर्त ऋण
माफ़ी की मांग दोहराई।
मेप्पाडी ग्राम पंचायत
उपाध्यक्ष राधा रामास्वामी,
वार्ड 10 के सदस्य एन.के. सुकुमारन के साथ सम्मेलन में शामिल हुए और स्थानीय
सरकार की ओर से एकजुटता व्यक्त की। शमसुधीन (सीपीआई स्थानीय सचिव, मेप्पाडी), पी.के. मुरलीधरन (बीएमएस), और अजी ए.एस. (900 कंडी ड्राइवर्स यूनियन) सहित विभिन्न
राजनीतिक दलों और गैर राजनितिक समूहों के प्रतिनिधियों ने भी सम्मेलन को संबोधित
किया। उन्होंने ऐसे अभियानों में लोगों के साथ खड़े होने के लिए राजनीतिक मतभेदों
को अलग रखने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
चूरलमाला की एक उद्यमी और आयोजन समिति की सदस्य सबिता रविन्द्रन ने
लोगों द्वारा रखी गई 19 मांगों से संबंधित एक राजनीतिक
प्रस्ताव पढ़ा, जिसे तालियों की गड़गड़ाहट के साथ
स्वीकार कर लिया गया और पारित कर दिया गया। आयोजन समिति के सदस्य राजेंद्रन ने
सम्मेलन में भाग लेने वाले और समर्थन करने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का संचालन चूरलमाला रिलीफ सेंटर के कार्यक्रम संयोजक
सी.के. राजेश कुमार ने किया.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:- शरत चेलूर- 9809477058
( सन्दर्भ - एनएपीएम की प्रेस रिलीज़ )
पानी से संबंधित सूचनाओ,समाचारों और सन्दर्भों का संकलन –पानी पत्रक
पानी पत्रक(182 – 21 अक्टूबर 2024) जलधारा अभियान, 221,पत्रकार कॉलोनी,जयपुर-राजस्थान,302020,संपर्क-उपेन्द्रशंकर-7597088300.मेल-jaldharaabhiyan.jaipur@gmail.com
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