4 अक्टूबर, 2024 को बोस्निया और हर्जेगोविना में आई
विनाशकारी बाढ़ में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई, आशंका है कि खोज और बचाव दल द्वारा अपना अभियान जारी रखने के कारण यह
संख्या और बढ़ सकती है।
स्थानीय लोगों ने बाढ़ के इस विनाशकारी प्रभाव को प्राकृतिक संसाधनों
के अनियंत्रित दोहन और शोषण से जोड़ा है।
दशकों से, बोस्निया और हर्जेगोविना में बड़े
पैमाने पर वनों की कटाई, नदियों के पास अवैध अपशिष्ट डंपिंग, जलविद्युत संयंत्रों के बड़े पैमाने पर
निर्माण और अवैध खदानों के संचालन होता आ है।
पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है
कि पर्यावरणीय क्षरण की इस पृष्ठभूमि को देखते हुए हाल की बाढ़ के भयावह परिणाम
आश्चर्यजनक नहीं हैं ।
(बोस्निया और हर्जेगोविना में विसेग्राड की ड्रिना नदी पर तैरता, प्लास्टिक की बोतलें, इस्तेमाल किए गए टायर और विभिन्न गैर-जैविक कचरे सहित कई टन कचरे का डंप - फोटो साभार: रॉयटर्स (5 जनवरी, 2024 )
सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्र डोन्जा जबलानिका है, जहाँ कम से कम एक दर्जन लोगों की मौत हो गई और कई लोग लापता हैं. बताया जा रहा है कि यह विभिषका तब हुई जब मूसलाधार बारिश के कारण एक अवैध खदान ढह गई। शहर से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर स्थित खदान से निकले पत्थर घरों और रेलवे लाइनों सहित बुनियादी ढाँचे पर गिरे, जिससे विनाश और तेज़ हो गया और निवासी फँस गए। भारी बारिश और मिट्टी के कटाव के कारण यह क्षेत्र पूरी तरह से कट गया, और निवासी सचमुच अपने घरों के मलबे में डूब गए।
इसके दुर्घटना के बाद, सरकारी विभागों ने खदान के संचालन की जाँच की घोषणा की जरुर है, लेकिन स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ता इस घोषणा से प्रभावित नहीं हैं। उनका तर्क है कि अधिकारियों को पता था कि खदान दो दशकों से अवैध रूप से चल रही थी, लेकिन उन्होंने उसकी तरफ से आँखे मोड़ लीं । एको अकीजा के एनेस पोडिक ने बताया कि यह मामला अलग-थलग नहीं है, उन्होंने चेतावनी दी कि क्षेत्रीय और संघीय अधिकारियों की निरंतर उदासीनता के चलते भविष्य में भी इस तरह की आपदाएं हो सकती हैं .
अब, जबकि आस-पास के देशों और यूरोपीय संघ ने मानवीय सहायता का वादा
किया है, बोस्निया और हर्जेगोविना में
प्राकर्तिक संसाधन शोषण का मुख्य मुद्दा पर्याप्त संरचनात्मक निवेश के बिना हल
होने की संभावना नहीं है - ऐसा कुछ जो देश की आर्थिक स्थिति को देखते हुए दूर की
कौड़ी लगता है । इस संदर्भ में, आगे के पर्यावरणीय विनाश को रोकने के लिए जमीनी स्तर पर प्रतिरोध
महत्वपूर्ण है। फ़ाउंडेशन ACT
के रॉबर्ट ओरोज़ ने समुदायों से आह्वान
किया कि जब वे अपने क्षेत्रों में प्राकर्तिक विनाश की गतिविधियाँ देखें तो प्रतिरोध की कार्रवाई अवश्य
करें। राजधानी साराजेवो से सिर्फ़ 60 किलोमीटर दूर स्थित फ़ोजनिका के पास एक गाँव से एक वीडियो रिपोर्ट
में ओरोज़ ने कहा, "उन्हें नदी के तल को पक्का न करने दें, उन्हें नदी के किनारों के साथ जंगलों
को न काटने दें, उन्हें नदियों में कचरा न डालने दें और
उन्हें शेड या खलिहान बनाने के लिए नदी के मार्ग को संकीर्ण न करने दें।"
2014 में, बोस्निया और हर्जेगोविना में बाढ़ ने तबाही मचाई और व्यापक क्षति हुई, और कार्यकर्ताओं के अनुसार, जिसका कि अभी भी पूरी तरह समाधान नहीं किया गया। लोगों का मानना है कि
संस्थागत समर्थन न के बराबर होने तथा लाभ-प्रेरित शोषण के कारण प्राकृतिक संसाधनों
के निरंतर नष्ट होने के कारण, ऐसा प्रतीत होता है कि जन-आंदोलन ही आगे के विनाश के विरुद्ध एकमात्र
बचा हुआ तरीका है । जैसा कि
क्रोएशिया- बोस्निया की ऊना नदी पर जल विद्युत संयंत्र के निर्माण को
रोकने के निर्णय को क्रोएशिया के स्थानीय लोगों के प्रतिरोध की जीत बताया जा रहा
है और इसे अन्य स्थानों के लोगों के लिए
एक उदाहरण के रूप में पेश भी किया जा रहा है .
( प्रदर्शनकारी ऊना नदी के
उद्गम स्थल पर )
(सन्दर्भ - बाल्कन इनसाइट, पीपलस डिस्पैच ,सैवेज माइंडस,यूरो
न्यूज़.कॉम,द हिन्दू )
पानी से संबंधित सूचनाओ,समाचारों और सन्दर्भों का संकलन –पानी पत्रक
पानी पत्रक(181 –
17 अक्टूबर2024)जलधारा अभियान,221,पत्रकार कॉलोनी,जयपुर-राजस्थान,302020,संपर्क-उपेन्द्रशंकर-7597088300.मेल-jaldharaabhiyan.jaipur@gmail.com
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