गुरुवार, 2 जनवरी 2025

नए साल 2025 की शुरुआत संघर्ष के साथ

 (1 जनवरी 2025 को ओड़िसा में, जिंदाबाद संगठन की ओर से, बलांगीर जिले के कांटाबांजी तहसील के सामने आदानी कम्पनी के लिए जारी जमीन  अधिकरण के खिलाफ , विशाल रैली निकाल व सभा कर, तहसीलदार अंजलि माझी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया . ग्रामीणों ने राज्य सरकार दुआरा दी गयी इस सफाई  को ख़ारिज करते हुए कहा कि प्लांटेशन सिर्फ बहाना है असल में गंधमर्दन पहाड़ में बॉक्ससाईट खनन परियोजना शुरू करने के उदेश्य से जमींन का जबरन अधिकरण किया जा रहा है )

अडानी समूह द्वारा पश्चिमी ओडिशा के बलांगीर और बरगढ़ जिलों में बॉक्साइट-समृद्ध गंधमर्दन पहाड़ियों के पास भूमि खरीदने से स्थानीय आदिवासियों, कार्यकर्ताओं और विपक्ष में  भ्रम  वविवाद पैदा हो गया है, क्योंकि उन्हें संदेह है कि कंपनी छेत्र में खनन कार्य की योजना बना रही है।

ज्ञात हो कि लगभग 55,000 आदिवासी लोग अपनी आजीविका के लिए गंधमर्दन पहाड़ियों पर निर्भर हैं, जिसमें औषधीय पौधे, जलाऊ लकड़ी, साल और महुआ इकट्ठा करना शामिल है।

अडानी समूह की सहायक कंपनी महानदी माइंस एंड मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड ने पिछले एक साल में चरणों में पहाड़ियों में और उसके आसपास भूमि खरीदी है और कंपनी बलांगीर और बरगढ़ में और अधिक भूमि खरीद कर, अधिग्रहण करने की प्रक्रिया में है। कंपनी के अधिकारियों ने कहा है कि यह जमीन प्रतिपूरक वनरोपण कार्यक्रम के लिए खरीदी गई है।

स्थानीय लोगों का मानना ​​है कि यह अडानी समूह द्वारा बॉक्साइट की खोज के लिए गंधमर्दन पहाड़ियों में प्रवेश करने का एक मौन प्रयास है। विपक्षी बीजद ने भी  मोहन चरण माझी की अगुवाई वाली नई भाजपा सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या वह इस क्षेत्र में बॉक्साइट और मैंगनीज और ग्रेफाइट जैसे अन्य खनिजों की खोज की अनुमति देगी।

अडानी समूह ने कहा कि भूमि की खरीद वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए नहीं थी। यह भूमि अधिग्रहण किसी भी वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए नहीं है और प्रतिपूरक वनरोपण के कारण स्थानीय पारिस्थितिकी को समृद्ध करेगा।महानदी माइंस एंड मिनरल्स ने एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा: "2022 में, भारत सरकार के कोयला मंत्रालय ने ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में वाणिज्यिक खनन उद्देश्यों के लिए प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से बिजहान कोयला खदान को महानदी माइंस एंड मिनरल्स को सौंप दिया। महानदी माइंस एंड मिनरल्स ने वनीकरण उद्देश्यों के लिए ओडिशा सरकार के वन विभाग को इसे हस्तांतरित करने के लिए इच्छुक भूमि मालिकों से बलांगीर और बरगढ़ जिलों में निजी भूमि की खरीददारी व अधिग्रहण किया है।"

 दूसरी तरफ ,फरवरी 2024 के प्रथम सप्ताह की एक खबर के मुताबिक ,सुंदरगढ़ के हेमगिर ब्लॉक में अडानी ग्रुप की बिजहान कोयला खदान से प्रभावित ग्रामीणों ने खनन परियोजना को आगे बढ़ाने से पहले नए सिरे से ग्राम सभा की मंजूरी की मांग दोहराई । पुनर्वास और पुनर्स्थापन (आर एंड आर) लाभ बढ़ाने की मांग करते हुए परियोजना से प्रभावित लोगों ने कथित तौर पर कंपनी अधिकारियों को 27 जनवरी 2024 को भोगराकछार गांव में ड्रोन सर्वेक्षण करने से रोक दिया था।

 साथ ही,23 नवम्बर 2024 को, भारत सरकार के उद्यम मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड के दो भूवैज्ञानिकों को, जो बरगढ़ जिले में गंधमर्दन पहाड़ियों के पास ग्रेफाइट और मैंगनीज भंडार का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण करने आए थे, स्थानीय आदिवासियों ने दो घंटे तक हिरासत में रखा।

स्थानीय लोगों ने टीम को गांव से जाने की अनुमति तब दी जब उन्होंने आश्वासन दिया कि वे उन्हें लिखित में जानकारी देंगे कि वे क्या करने जा रहे हैं । स्थानीय लोगों ने अधिकारियों की हिरासत का वीडियो भी बनाया और कहा कि वे पवित्र गंधमर्दन पहाड़ी की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।

इसी सन्दर्भ में 1 जनवरी  की विरोध सभा के मौके पर मुख्यमंत्री के नाम दिए गये ज्ञापन में 34 मांगो को रखा है , जिसमें वन अधिकार अधिनियम 2006 एवं विनियम 2012 को सही ढंग से लागू करने की मांग भी की.

इस अवसर पर खपराखोल, तुरेकेला, बेलपाड़ा, मुरीबहाल, बंगोमुंडा ब्लॉक के आदिवासी और पारंपरिक वनवासियों ने विरोध और विरोध रैली में भाग लिया. महिलाएं भी बड़ी संख्या में   शामिल थीं.

(सन्दर्भ –alok shukla का facebook page, the telegraph on line ,the wire hindi  और samaja live )

पानी पर्यावरण से संबंधित सूचनाओ,समाचारों और सन्दर्भों का संकलन –पानी पत्रक

पानी पत्रक ( 201 – 02 जनवरी 2025) जलधारा अभियान221,पत्रकार कॉलोनी,जयपुर-राजस्थान,302020, संपर्क-उपेन्द्रशंकर-7597088300.मेल-jaldharaabhiyan.jaipur@gmail.com



 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

  

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