रविवार, 19 जनवरी 2025

नर्मदा क्रूज प्रोजेक्ट से जलीय जैव और मछलियों की विविधता नष्ट होगी , पानी की गुणवत्ता पर भी असर - नर्मदा बचाओ आन्दोलन

 ( मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा नर्मदा क्रूज प्रोजेक्ट के लिए अवैध टेंडर जारी.

अमीरों के पर्यटन से नर्मदा नदी का पेयजल अधिक प्रदूषित होगा.

स्वास्थ्य सिंचाई मत्स्यव्यवसाय पर आघात, हरित न्यायाधिकरण और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन नामंजूर-नर्मदा बचाओ आन्दोलन )

                                        

                 ( नर्मदा नदी में,धार जिले के मेघनाथ घाट, पर क्रूज में पर्यटकों को बिठाने के लिए फ्लोटिंग जेटी ) 

 एक चिंताजनक और विवादास्पद कदम लेते हुए मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग ने नर्मदा पर लग्जरी क्रूज प्रोजेक्ट के तहत मेघनाथ घाट, जिला धार में नदी क्रूज टर्मिनल के निर्माण और विकास कार्यों के लिए 7.82 करोड रुपए का टेंडर जारी किया है। इसमें जुड़े कार्यों से लागत में और भी बढ़ोतरी होनी है। यह कदम न केवल स्थापित कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन करता है बल्कि नदी की पारिस्थिति की, पेयजल और उस पर निर्भर समुदायों के जीवन पर गंभीर खतरा उत्पन्न करता है! यह बात केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल की रिपोर्ट से, 2022 में हरित न्यायाधिकरण में प्रस्तुत करने पर, जनता के सामने आ चुकी है।

पृष्ठभूमि

2022 में घोषित यह प्रस्तावित क्रूज प्रोजेक्ट मध्य प्रदेश के बड़वानी से गुजरात के केवड़िया के बीच 135 किलोमीटर की दूरी को कवर करेगा यह जाहीर था | कभी ओकारेश्वर से चलाना घोषित किया और अब मेघनाथ घाट, कुक्षी से! इस प्रोजेक्ट के तहत हजारों रुपए से लाख रुपए तक की टिकट से सफारी करने वाले अमीर पर्यटकों के लिए शराब का बार, स्विमिंग पूल, वॉटर स्पोर्ट्स और फ्लोटिग जेटी जैसी सुविधाओं से लेंस लग्जरी और बजट क्रूज शुरू करने की योजना है। नर्मदा नदी किनारे पर्यटकों के लिए रिसोर्ट याने होटल्स बनाने की बात भी जाहिर कर रहे हैं। हालांकि, इस परियोजना का सामना शुरू से ही कानून, सामाजिक और पर्यावरणीय चुनौतियों से होता रहा है।

स्थानीय लोगों की चिताओं और कानूनी याचिकाओ के जवाब में, राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) ने 2022 और सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2024 में इस परियोजना के खिलाफ फैसला सुनाया क्रूज नर्मदा जेसे जलाशय में चलाना मना किया है| अदालतो ने निम्नलिखित महत्वपूर्ण पर्यावरणीय कानूनों के उल्लंघन चिन्हित किया :

वायु, जल संरक्षण कानून, 1974, 1981

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986

वेटलैंड प्रबंधन नियम, 2017

जैव विविधता अधिनियम, 2002

इन निर्णयों ने पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभाव के मूल्यांकन की अनुपस्थिति को उजागर किया और नर्मदा नदी और उस पर निर्भर समुदायों की सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया | साथ ही नर्मदा नदी और सरदार सरोवर बांध से संबंधित 1979 से जारी नर्मदा ट्रीब्यूनल के फैसले का भी उल्लंघन हो रहा है और होगा।

नया टेंडर : कानून और विश्वास का उल्लंघन

इन फेसलो के बावजूद, मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग ने अवैध परियोजना के संचालित करने के लिए बोली आमंत्रित करते हुए 19/ 12/ 2024 से एक टेंडर जारी किया है | यह कदम न केवल न्यायिक निर्णयों की अनदेखी करता है बल्कि पर्यावरण और समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए बनाए गए कानूनी ढांचे को भी कमजोर करता है| इस परियोजना से नर्मदा घाटी की संस्कृति और प्रकृति बर्बाद होगी, यह पर्यावरण के विशेषज्ञ से भी जाहिर है।

टेंडर से जुडी मुख्य समस्याए

1. नर्मदा पर बड़े क्रूज /जहाजों की शुरुआत नर्मदा घाटी के नाजुक पारिस्थितिकीय तंत्र के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न करती है| इन जहाजों से ईंधन रिसाव, कचरे का निस्तारण और जल तथा हवा के प्रदूषण का खतरा बढ़ता है, जिससे नदी की जल गुणवत्ता प्रभावित होती है, जो कि स्थानीय समुदायों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन और जीने का आधार है। इसके अतिरिक्त, क्रूज के संचालन से जलीय जैव विविधता को नुकसान पहुंचेगा, जिसमें मछलियों की प्रजातिया शामिल है जो परिस्थितियों को संतुलन बनाए रखने तथा नदी पर निर्भर लोगों के जीवन- यापन के लिए आवश्यक है।

2. स्थानीय समुदायों पर प्रभाव भी उतना ही चिंताजनक है। पीने के पानी के स्त्रोतों का प्रदूषण घाटी के ग्रामीण तथा शहरी निवासियों के स्वास्थ्य पर, खेती, जंगल पर भी आघात करेगा । नर्मदा पर निर्भर पारंपरिक मछुआरा समुदाय अपनी जीविका को लेकर गंभीर खतरे का सामना कर रहा है, जो पूरी तरह से मछली पकड़ने से संबंधित गतिविधियों पर निर्भर है| इन समुदायों का संभावित विस्थापन, उनकी सामाजिक -आर्थिक समस्याओं को और गहरा करता है, जिससे पहले से ही डूब ग्रस्त आबादी और अधिक हाशिये पर चली जाती है।

3. इसके अलावा, इस टेंडर का जारी होना अदालत की अवमानना को स्पष्ट रूप से दर्शाता है | परियोजना को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ( NGT) का 2022 के और सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी 2024 के स्पष्ट आदेशों का उल्लंघन करती है, जिनमे यह क्रूज परियोजना को रोकने का निर्देश दिया गया था | न्यायिक निर्णयों की इस प्रकार से अनदेखी करने वाली प्रशासन, जवाबदेहीता और असस्वैधानिक, गैर कानूनी शासन के प्रति गंभीर चिंताएं पैदा करती है।

अस्थिर विकास का एक व्यापक मुद्दा है

यह परियोजना उस चिंताजनक प्रवृत्ति को दर्शाती है, जिसमें आर्थिक विकास की पारिस्थितिक स्थिरता और समुदायिक कल्याण की कीमत पर प्राथमिकता दी जाती है | पर्यटन और बुनियादी ढांचे की परियोजनाए अक्सर अपनी लागतों को बाहरी करती है, जिसमें दीर्घकालिक पर्यावरणीय क्षरण और सामाजिक अन्याय होता है| लाखों लोगों की जीवनरेखा रही नर्मदा नदी अब मुनाफा - उन्मुख गतिविधियों के लिए एक वस्तु बनने की जोखिम में है। आदिवासी क्षेत्र होते हुए, ग्राम सभाओं की सहमति के बिना उनके जीवनाधार पर आघात, "पेसा"कानून का उल्लंघन है| विकास के नाम पर विस्थापन, विनाश आगे बढ़ेगा !

कार्यवाही के द्वारा न्याय पूर्ण मांग

हम मांग करते हैं कि " मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग " तुरंत टेंडर को वापस ले और नर्मदा नदी की सुरक्षा से जुड़े न्यायिक निर्णय के सम्मान करें| इसके अलावा,

इस बात की स्वतंत्र जांच हो कि कानूनी प्रतिबंधो के बावजूद यह टेंडर कैसे जारी किया गया।

पर्यावरण संरक्षण कानूनों का कडाई से पालन और भविष्य की भी परियोजना के लिए व्यापक, सामाजिक, पर्यावरणीय प्रभाव का मूल्यांकन शर्त है, उसका पालन हो।

स्थानीय समुदायों को निर्णय लेने की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल किया जाए ताकि उनके अधिकारों चिताओं को समाधान किया जा सके | "पैसा" कानून और ग्राम सभा के अधिकारों का सम्मान हो।

नर्मदा नदी अनगिनत समुदायों के लिए जीवन, आजीविका और विरासत का प्रतीक है| इस पवित्र नदी की सुरक्षा एक सामूहिक जिम्मेदारी है, जो की राजनीतिक और आर्थिक हितों से परे होनी चाहिए | नर्मदा घाटी की जनता का पेयजल, स्वास्थ्य, आजीविका की सुरक्षा, शासन का और जन प्रतिनिधियों का कर्तव्य है, यह ध्यान में रखा जाए।

( सन्दर्भ /साभार - नर्मदा बचाओ आन्दोलन और एन ए पी एम का प्रेस नोट – 13 जनुअरी 2025 

संपर्क -- गोखरू सोलंकी श्यामा मछुआरा, कैलाश यादव, मेधा पाटकर

एवं राहुल यादव- 9179617513, हेमेंद्र सिंह मंडलोई- 8839295 )

पानी पर्यावरण से संबंधित सूचनाओ,समाचारों और सन्दर्भों का संकलन –पानी पत्रक

पानी पत्रक ( 205–18 जनवरी 2025) जलधारा अभियान221,पत्रकार कॉलोनी,जयपुर-राजस्थान,302020, संपर्क-उपेन्द्रशंकर-7597088300.मेल-jaldharaabhiyan.jaipur@gmail.com



 

 

  

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