बुधवार, 22 जनवरी 2025

बिहार के मुख्यमंत्री ने अपनी प्रगति यात्रा में कोशी की बाढ़ और पीड़ितों को भुला दिए

[ तटबंध के भीतर के कटाव पीड़ितों को बसाने सहित अन्य मांगों पर कोशी नव निर्माण मंच शुरू करेगा चरणबद्ध आंदोलन. 30 जनवरी 2025 को समाहरणालय के समक्ष होगा धरना कोशी नव निर्माण मंच]

 प्रगति यात्रा पर सुपौल आए  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोशी  की बाढ़ और पीड़ितों को भुला गए। उनके जख्मों पर मरहम लगाना या कोशी की कटाव में उजड़े लोगों को बसाने की बात करना तो दूर जिनके घर नदी में समा गए है उनको गृहक्षति की राशि नहीं मिलने की बात भी उनको याद नहीं रही जबकि वे ही कहते है कि सरकारी खजाने पर आपदा पीड़ितों का पहला अधिकार  है। भला कोशी के भीतर के लाखों लोगों की उपेक्षा कर जिले की प्रगति कैसी होगी ?

  (कोशी के भीतर के गांव बेला, पांचगछिया में मुख्यमंत्री जी यात्रा के सम्बन्ध में चर्चा की गयी)

उक्त बातें कोशी नव निर्माण मंच द्वारा कोशी के भीतर के गांव बेला, पांचगछिया में मुख्यमंत्री जी यात्रा के सम्बन्ध में की गयी चर्चा के दौरान बताईं गयीं, और बताया गया कि इस साल की बाढ़ कोशी के इतिहास में एक बड़ी बाढ़ थी जिसके तबाही और लोगों की पीड़ा के वर्णन के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे। आज भी कोशी पूर्वी तटबंध की रक्षा के लिए बने अनेक स्पर क्षत-विक्षत दिखते है। यह बाहर के सुरक्षित मान चुके लोगों के लिए भी बड़ा सवाल है। ग्लोबल वार्मिंग की तरफ बढ़ चुकी दुनिया के हिमालय में होने वाली घटनाओं का पहला प्रभाव कोशी तटबंध के भीतर के लोगों पर पड़ेगा ऐसे जीवंत सवालों के बाबजूद भी मुख्यमंत्री ने कोई बात नहीं की ।

कोशी की प्रचंड बेग में जिनके घर नदी में समा गए उनको तो तत्काल गृहक्षति मिलनी थी परंतु वह राशि आज भी नहीं मिली है। बाढ़ के बाद सरकार द्वारा बनाए गए मानक संचालन प्रक्रिया और मानदर के तहत वस्त्र वर्तन के 2000 और 1800 रुपए किसी बाढ़ पीड़ित को नहीं मिला, जिनके मॉल मवेशी बह गए उसकी क्षतिपूर्ति नहीं दी गई, जीआर के वंचित लोग आज भी आस देख रहे है।

           (गांव बेला, पांचगछिया में बात रखती एक महिला  )

 पुनर्वास स्थलों की एकड़ की एकड़ जमीन अस्थाई बंदोबस्ती में एक एक साल के लिए दी जाती है परंतु कटाव पीड़ित आज भी कोशी में कटने के बाद तटबंध पर शरण लिए है या इधर उधर भटक रहे है कोई उनकी सुधी नहीं लेता।  प्रगति यात्रा में उम्मीद थी कि उनको बसाने की बातें भी होंगी पर नहीं हुई। जिला प्रशासन अपनी नाकामी तो छुपा लिया पर इस आयोजन में शामिल जिले के सभी जनप्रतिनिधि इस बात को मुख्यमंत्री के समक्ष नहीं रखे। इससे कोशी के लोग निराश है।

इस उपेक्षा के खिलाफ कोशी नव निर्माण कोशी के लोगों को नए सिरे से संगठित करते हुए चरणबद्ध तरीके से आंदोलन की रणनीति बना रहा है।

कटाव पीड़ितों को गृहक्षति दिलाने और उन्हें बसाने के सवाल पर आगामी 30 जनवरी को सुपौल में धरना के साथ इसकी शुरुआत करेगा।

 (सन्दर्भ /साभार--कोशी नव निर्माण मंच के इंद्र नारायण सिंह, राहुल यादुका, अर्चना सिंह, राजेश मंडल और महेंद्र यादव द्वारा संयुक्त रूप से जारी- 22 जनवरी, सुपौल )

पानी पर्यावरण से संबंधित सूचनाओ,समाचारों और सन्दर्भों का संकलन –पानी पत्रक

पानी पत्रक ( 206– 22 जनवरी 2025) जलधारा अभियान221,पत्रकार कॉलोनी,जयपुर-राजस्थान,302020, संपर्क-उपेन्द्रशंकर-7597088300.मेल-jaldharaabhiyan.jaipur@gmail.com



  

1 टिप्पणी:

  1. महेंद्र जी, कोशी के पीड़ितों के साथ आपकी पहल सराहनीय कदम है। 30 जनवरी 25 बापू गांधी जी के रास्ते को अपना हथियार बना कर संघर्ष करें। सफलता की शुभकामनाएं।

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