बंद करने पर विचार कर रहा है
इंडियन एक्सप्रेस ने अनुसार ,सरकारी
थिंक-टैंक, नीति आयोग,दुआरा राज्यों से सम्बंधित जल प्रबंधन पर रिपोर्ट 'समग्र जल प्रबंधन सूचकांक' के पिछले संस्करणों को सार्वजनिक रूप से जारी
करने के बाद, अब वर्ष 2018-19 और 219-20 के लिए जल प्रबंधन पर रिपोर्ट को
"आंतरिक उपयोग" के लिए चिह्नित किया गया है .
पांच साल पहले जून 2018 में लॉन्च किए गए पहला संस्करण, भारत
की जल चुनौतियों को सुर्खियों में लाया और 28 मापदंडों के आधार पर प्रबंधन और उसके प्रभाव के आधार पर राज्यों का स्थान निश्चित किया । इस पहले संस्करण में 2015-16 और 2016-17 के लिए डेटा प्रदान किया गया था, और अगस्त 2019 में लॉन्च किया गया दूसरा संस्करण 2017-18 के डेटा को प्रदर्शित करता है ।
नवीनतम रिपोर्ट, जिसके रिलीज का इंतजार है,की एक प्रति द इंडियन एक्सप्रेस ने देखी
है, 2018-19 और 2019-20 (तीसरा और चौथा संस्करण क्रमशय) के लिए राज्यों के प्रदर्शन को
दर्शाती है, और बताती है कि पानी की कमी एक
"राष्ट्रीय समस्या" है,क्योंकि औसत वार्षिक प्रति व्यक्ति पानी की
उपलब्धता लगातार कम हो रही है.
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार उनके सवालों का जवाब देते हुए, नीति आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि
सूचकांक के तीसरे और चौथे दौर पर काम 2022 में शुरू किया गया था और उन्होंने देरी के लिए कोविड-19 महामारी के कारण अद्यतन डेटा की
अनुपलब्धता को जिम्मेदार ठहराया।
प्रवक्ता के अनुसार सूचकांक
के तीसरे और चौथे दौर की संयुक्त रिपोर्ट तैयार होने के दो महीने बाद, 12 दिसंबर, 2022 को एक बैठक हुयी जिसमें कि जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारी शामिल थे । बैठक की अध्यक्षता नीति आयोग के सदस्य रमेश
चंद ने की. इस बैठक में ही इस पर "विचार" किया गया कि क्या
सीडब्ल्यूएमआई राउंड 3.0,
4.0, 5.0 और 6.0 की एक संयुक्त रिपोर्ट एक साथ जारी की
जानी चाहिए। और डेटा का कवरेज जिला स्तर तक बढ़ाया जाना चाहिए.
इस साल मई में, नीति आयोग ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को पत्र लिखकर सूचकांक के
"उपयोग और प्रयोज्यता" पर सरकार का दृष्टिकोण पूछा और क्या सीडब्ल्यूएमआई
जारी रहना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
हालाँकि, नीति आयोग ने जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग और
पेयजल और स्वच्छता विभाग( जो दोनों जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं ) को पत्र भेजकर कहा कि सदस्य
(अर्थशास्त्री रमेश चंद और नीति आयोग के सदस्य) का विचार है कि "केवल
सीडब्ल्यूएमआई पर निर्भर रहने के बजाय अनुक्रमण के कार्य को करने के लिए अन्य
चैनलों की खोज भी की जानी चाहिए और सीडब्ल्यूएमआई का व्यापक रूप से योजना, निर्णय लेने, नीति निर्माण या जनता द्वारा अनुसंधान
में उपयोग या लागू नहीं किया जाता है।"
12 मई, 2023 को मंत्रालय को भेजे गए नीति आयोग के संचार में कहा गया है, “इसलिए आपसे अनुरोध है कि उपयोग, प्रयोज्यता और क्या सीडब्ल्यूएमआई को
अब जारी रखा जाना चाहिए, इस पर अपने विचार साझा करें।" यह
संचार नीति आयोग में "सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी" के साथ जारी किया गया
, बताया जाता है,
साथ ही उक्त संचार में यह भी कहा गया कि "' समग्र जल प्रबंधन सूचकांक' (सीडब्ल्यूएमआई) की निरंतरता पर निर्णय लेने से पहले जल शक्ति
मंत्रालय के तहत विभागों के विचार प्राप्त करने का भी निर्देश दिया गया है।"
12 मई के संचार का मंत्रालय से जबाब आया कि नहीं और क्या जबाब आया यह
पता नहीं है.और न ही 2018-19 और 2019-20 (तीसरा और चौथा संस्करण क्रमशय) की रिपोर्ट सार्वजानिक रूप से अभी
तक जारी हुयीं .
इसलिये सवाल उठता है कि क्या सरकारी और सरकारी
विभाग /निकाय उन आंकड़ों को दबाने की
कोशिश में है ,जो चुनावी तौर पर प्रतिकूल साबित हो सकते हैं। अतीत में सरकार ने कई
दफह डेटा जारी करने में देरी की है या दावा किया है कि उसके पास बेरोजगारी, गरीबी, उपभोक्ता खर्च, मॉब लिंचिंग, किसान आत्महत्या, जीडीपी वृद्धि और जाति जनगणना जैसे प्रमुख कारकों पर कोई डेटा नहीं है।
एक बात और जैसा कि
अर्थशास्त्री रमेश चंद (और नीति आयोग के सदस्य) का विचार है कि "केवल
सीडब्ल्यूएमआई पर निर्भर रहने के बजाय अनुक्रमण के कार्य को करने के लिए अन्य
चैनलों की खोज भी की जानी चाहिए ---“ इसका मतलब क्या यह हो सकता है, कि सरकार और उसके निकाय /विभाग,
अपने आकडे सार्वजानिक करने से इसलिये बचना चाहतें हैं कि उनकी जिम्मेदारी
(विशेषकर,विफलता या कमी के मामले में ) उन पर आती हैं और किसी अन्य चैनल या स्रोत्र दुआरा सार्वजिक
रूप से प्रकाशित आकड़ों में संखिकीय त्रुटी हो सकती है या उनको, आसानी से अमान्य किया जा सकता है.लेकिन यह जिम्मेदारी से मुँह फ़ेर लेना ही माना जायेगा .
(सन्दर्भ – द इंडियन एक्सप्रेस ,द वायर )
पानी से संबंधित सूचनाओ,समाचारों और सन्दर्भों का संकलन –पानी पत्रक
पानी पत्रक (128-15 नवम्बर 2023) जलधारा अभियान, 221,पत्रकार कॉलोनी,जयपुर-राजस्थान,302020,संपर्क-उपेन्द्रशंकर-7597088300.मेल-jaldharaabhiyan.jaipur@gmail.com
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