सरजू टेकाम की गिरफ्तारी
28 अक्टूबर 2023 को सुबह लगभग 4 बजे सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं बस्तर जनसंघर्ष समन्वय समिति के संयोजक तिरुमल सरजू टेकाम को पुलिस ने मनपुर जिला, छत्तीसगढ़ स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया।
30 जुलाई 2023 को छत्तीसगढ़ के मानपुर जिले के बस स्टैंड में एक सभा का आयोजन किया गया था, ऐसा कहा जा रहा है कि सभा को संबोधित करते हुए आदिवासी नेता सरजू टेकाम ने बी जे पी के नेताओं के खिलाफ विवादित टिप्पणी की. इसका एक वीडियो भी वायरल हुआ और 11 दिन बाद उनके खिलाफ एफ आई आर दर्ज भी दर्ज की गयी.अब उन्हें धारा 295ए, 153ए, 506बी के तहत गिरफ्तार किया गया है। तथा कार्यक्रम में उनके कथित भाषण के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 435, 34 भी लगाई गयी हैं .लेकिन हमें यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि सरजू टेकाम भारत के प्राकृतिक संसाधन संपन्न क्षेत्र बस्तर में
होने वाले निगमीकरण और सैन्यीकरण के खिलाफ एक मुखर आवाज रहे हैं।जिसकी वजह से
मुख्यधारा के राजनितिक दलों के प्रमुख लोग उनसे वेमस्य रखते आये हैं .
वह छत्तीसगढ़ में सैन्य शिविरों के
निर्माण के खिलाफ लोकतांत्रिक अधिकार संघर्ष में सक्रिय रहे हैं, जिसने बहुत से आदिवासियों को विस्थापित किया है और क्षेत्र में
भूमि और प्राकृतिक संसाधनों की लूट को बढ़ावा दिया है।
17 मई 2021 को सिलगेर में आदिवासियों पर पुलिस की
गोलीबारी के बाद छत्तीसगढ़ में खुले सैन्य
शिविर विरोधी आंदोलन फूट पड़ा। बताया जाता है कि यह अभी भी छत्तीसगढ़ के सात जिलों
में सक्रिय है, जिनमें बीजापुर, कांकेर, नारायणपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और बस्तर शामिल हैं। इस
आंदोलन में हजारों आदिवासियों ने भाग लिया है और ले रहें हैं , जहां भारतीय राज्य की अर्ध
सैनिक बलों की सहायता से प्राकृतिक
संसाधनों को लूटने और उनकी जमीनों को हड़पने के लिए आदिवासियों को विस्थापित करने
वाले बड़े निगमों के खिलाफ बड़े पैमाने पर धरना-प्रदर्शन हो रहे हैं।
इससे भी अधिक घातक बात यह है कि सरजू
टेकाम की गिरफ्तारी उन कार्यकर्ताओं की एक टीम की तीसरी गिरफ्तारी है जो पिछले साल
बस्तर में जल-जंगल-जमीन के संघर्ष के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए दिल्ली आए
थे। बस्तर में राज्य सरकार द्वारा जारी दमन के खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश कर रहे
पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को चुप कराने का एक ठोस प्रयास किया जा रहा है और इन
कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी अन्य लोगों के बीच भय पैदा करने का "डराने वाला
प्रभाव" सुनिश्चित करती है जो इसके खिलाफ आवाज उठाना चाहते हैं।
दशकों से देखने में आया है कि जब गैर
हथियार बंद लोकतांत्रिक,तरीके से जमीन,जल
और जंगल, कॉर्पोरेट्स के हाथों जाने से रोकने –बचाने की बात आती है तो
गिरफ्तारियां, छापे, झूठी मुठभेड़ और डराने वाली रणनीति
भारतीय राज्य की मुद्रा बन जाती हैं, जिनमें से तिरुमल सरजू टेकाम नवीनतम
शिकार हैं।
( सन्दर्भ – सबरंग(हिंदी ),मूकनायक )
पानी से संबंधित सूचनाओ,समाचारों और सन्दर्भों का
संकलन –पानी पत्रक
पानी पत्रक ( 127-8 ओक्टूबर 2023 ) जलधारा अभियान, 221,पत्रकार कॉलोनी,जयपुर-राजस्थान,302020,संपर्क-उपेन्द्रशंकर-7597088300.मेल-jaldharaabhiyan.jaipur@gmail.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें