गुरुवार, 4 जनवरी 2024

कोर्ट में हलफनामे और सदन में संकल्प के वावजूद

 हसदेव जंगल में कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई शुरू

छत्तीसगढ़ भाजपा ने अपने 2023  के विधानसभा  चुनाव  घोषणापत्र में हसदेव में कोयला खनन की अनुमति को धोखाकहा था. लेकिन सरकार बनते ही संवैधानिक नियम कानून सबको अलग रखकर हसदेव के सरगुजा में पर्सा ईस्ट के कोयला खदान परियोजना के फेज सेकंड में खदानों के लिए पेड़ों की कटाई छत्तीसगढ़  वन विभाग दुआरा शुरू कर दी गयी . इसमें तकरीबन 4.5 लाख के आसपास वन काटे जाएंगे.

छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन के आलोक शुक्ला का कहना है कि बीते 21 दिसंबर 2023  को परसा ईस्ट केते बासन के दूसरे चरण के कोयला खनन के लिए 91 हेक्टेयर जमीन पर वनों की कटाई शुरू हुई. बिना ग्राम सभा की सहमति के. 500 पुलिस वालों की तैनाती में 500 इलेक्ट्रिक आरा मशीन ने अब तक तकरीबन 30 हजार पेड़ काट दिए. जबकि आधिकारिक आंकड़ा 15 हजार का बताया जा रहा है. स्थानीय प्रशासन ने दावा किया है कि उसके पास पेड़ काटने के लिए सभी आवश्यक अनुमति थी.

. आदिवासी गांव के सरपंच और नौजवान नेताओं को तीन दिन नजरबंद रखा गया .रायपुर से हसदेव जा रहे छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन के स्द्स्यों को भी बीच रास्ते में पुलिस  ने हिरासत में ले लिया गया .

गौर करने वाली बात यह हैं कि राज्य की पिछली कांग्रेसी सरकार के समय में राज्य के वन विभाग के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने  16  जुलाई 2023  को  सुप्रीम कोर्ट में हलफ नामा देकर कहा की हसदेव में किसी नई कोयला खदान की जरुरत नहीं है. और इससे से सम्बंदित समाचार,राज्य के कई प्रमुख अख़बारों जैसे छत्तीसगढ़, टिरायब्लस खबर, हिंदुस्तान टाइम्स ने छापे. हिंदुस्तान टाइम्स का स्क्रीन शॉट निचे दिया जा रहा है ,साथ प्रदेश के एक अख़बार में निकली विस्तृत खबर का भी.


 

इससे भी पहले , छतीसगढ़ विधान सभा में हसदेव छेत्र को खनन मुक्त रखने सम्बन्धी, दिनक 26 जुलाई  2022 , को एक  अशासकीय संकल्प  सर्वसम्मति से पारित हुआ और  जिसका  पालन करने के लिये प्रितिब्द्द होते हुए यह कहा गया क्योकि इस छेत्र की ग्राम सभाओं दुआरा खनन परियोजनाओं को सहमती न देने के मद्देनज़र इस छेत्र में सभी कोल ब्लाक रद्द कियें जाएँ , और इस आशय का , ब्लाक रद्द करने के लिये ,एक पत्र केंद्र की सरकार  को भी लिखा जायेगा . जिसका स्क्रीन शॉट भी यंहा दिया जा रहा है .

16 जुलाई 2023 को सुप्रीम कोर्ट में वन विभाग छतीस गढ़ राज्य दुआरा गये  हलफनामे में यह भी  कहा गया, “यह रिकॉर्ड में लाना उचित है कि 26 जुलाई 2022 को, छत्तीसगढ़ विधानसभा ने एक सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया, जिसके द्वारा सदन ने छत्तीसगढ़ के हसदेव अरंड क्षेत्र में कोयला ब्लॉकों को रद्द करने का संकल्प लिया. छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार से हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला ब्लॉकों का आवंटन रद्द करने का अनुरोध किया ”. 

 छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन के आलोक शुक्ल का कहना  कि सदन में संकल्प लेने के बाद तो कुछ कटाई हई लेकिन कोर्ट में हलफ नामा देने के बाद, बिलकुल कटाई नहीं हुयी.

छतीसगढ़ में बीजेपी दुआरा विधानसभा चुनाव में जीत के बाद मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्रियों ने 13 दिसम्बर 2023 को शपथ ग्रहण  की और मंत्रिमंडल  का विस्तार करते हुए 9 अन्य विधायकों  ने 22 दिसम्बर 2023  को शपथ ग्रहण की थी . मुख्य्मंत्रि श्री विष्णु देव सायका आदिवासी होना जोर शोर प्रसारित किया गया .

लेकिन आदिवासी मुख्यमंत्री के बिलकुल शुरूआती दिनों में ही आदिवासियों के हितो के विपरीत  और  सदन की मानना  के विरुद्ध जाकर, और कोर्ट के प्रीति प्रितिब्धता न जातते हुए , हसदेव के जंगलों में कटाई २१ दिसम्बर 2023  को शुरू हो गयी विधानसभा का  संकल्प पत्र अभी तक सदन की मार्फत निरस्त नहीं किया गया  और न ही  सुप्रीम कोर्ट में दिए गये हलफनामे को वापिस लिया गया . ऐसे में  कहा जा सकता है कि यह कटाई असंवेधानिक और गैर क़ानूनी है.

 नागरिक प्रितिरोध से जुड़े विभिन्न संगठनों , संस्थाओं ने कटाई रुकवाने के लिये  28 दिसम्बर  2023  को राज्यपाल महोदय को ज्ञापन भी दिया. जिसकी कॉपी उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति और राज्य के नव नियुक्त मुख्यमंत्री को भी प्रेषित की गयीं .


नागरिकों ने हसदेव में पर्सा कोल ब्लाक में वन स्वीकारती हासिल करने के लिये की गयी फर्जी ग्राम सभाओं का भी विरोध किया . तथा राज्य पाल का ध्यान इस और आकर्षित किया है की अगर हसदेव के जंगल उजाड़ कर कोयला  निकालना विकास के लिये जरुरी है तो यह सब गैर क़ानूनी और असंवेधानिक  तरीकों से क्यों किया जा रहा है .क्यों  सरकारें फर्जी ग्रामसभाओं की जाँच से पीछे हट रही है  और हसदेव बचाने के लिये चल रहे आन्दोलन का दमन कर रही है जबकि गैरकानूनी स्वीकारति के खिलाफ हसदेव आदिवासी समुदाय 665 दिनों से लगातार शांति पूर्वक आन्दोलन कर रहा है

ज्ञापन में यह भी  कहा गया है की हसदेव के जंगल छत्तीसगढ़ के फेफड़े हैं . हसदेव नदी और बांगो बंध का केचमेंट हैं ,आदिवासी समुदाय की संस्क्रती और आजीवका इनसे ही जुडी हुई है इसलिय हसदेव के जंगलों का विनाश छत्तीसगढ़ का ही विनाश होगा

हसदेव के  कुल २३ कोयला ब्लॉक्स में से 3 राजस्थान राज्य विधुत उत्पथान निगम लिमिटेड को आवंटित हैं परसा ईस्ट केते बासन, परसा और केते एक्सटेंशन. आरवीयूएनएल की तरफ से  खान विकासकर्ता और संचालक के रूप में खदान चलाने के लिए अदानी समूह की जिम्मेदारी है.इसलिये इन ब्लॉक्स में अदानी समूह कोयले का खनन आरवीयूएनएल की तरफ से कर रहा है .इनसे निकाले गये कोयले के एकमात्र प्राप्तकर्ता राजस्थान में थर्मल पावर प्लांटस हैं ।

आरवीयूएनएल के पास हसदेव-अरंड कोयला क्षेत्र में जो तीन कोयला ब्लॉक आवंटित हैं उनमें फारेस्ट एरिया नॉन फारेस्ट एरिया से काफी ज्यादा  है ,तीनो ब्लॉक्स का कुल एरिया 5726.32 हेक्ट  है जिसमे से फारेस्ट एरिया 4485.75 है और नॉन फ्फोरेस्ट एरिया 1240.57 हेक्ट है .

इन तीनो ब्लॉक्स में से अभी तक केबल परसा ईस्ट केते बासन नाम की खान में ही खनन (प्रथम चरण ) कर कोयला निकला जा रहा था . बीते 21 दिसंबर 2023 को परसा ईस्ट केते बासन के दूसरे चरण के कोयला खनन के लिए 91 हेक्टेयर जमीन पर वनों की कटाई शुरू हुई. इसमें फारेस्ट एरिया 1898.33 हेक्ट है और नॉन फारेस्ट एरिया 812.71 हेक्ट है   

 इस जलवायु परिवर्तन के दौर में ऐसे वन छेत्रो का उजाड़ना आत्मघाती कदम है ,  छतीसगढ़ बचाओं आन्दोलों से जुड़े संगठनों ने घोषणा की है की आने वाले दिनों में हसदेव को बचाने के लिये हर जिले में प्रदर्शन होंगे साथ ही 7 जनवरी 2024  को हसदेव में नागरिक प्रितिरोध मार्च का आयोजन करने की घोषणा की गयी है .इसमें  प्रदेश और देश  के संवेदनशील नागरिकों और संगठनो को आमंत्रित किया जा रहा है .

( सन्दर्भ – द वायर,डेली छत्तीसगढ़ न्यूज़ ,द प्रिंट ) 

 पानी से संबंधित सूचनाओ,समाचारों और सन्दर्भों का संकलनपानी पत्रक           

पानी पत्रक (134- 5 जनवरी  2024) जलधारा अभियान, 221,पत्रकार कॉलोनी,जयपुर-राजस्थान,302020,संपर्क-

उपेन्द्रशंकर-7597088300.मेल-jaldharaabhiyan.jaipur@gmail.com

 

 






कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

पाकिस्तान की कृषि बर्बाद हो रही है: आर्थिक सर्वेक्षण ने सरकारी नीतियों की विफलता को उजागर किया

पाकिस्तान का कृषि क्षेत्र ढह रहा है - और इसका दोष पूरी तरह से शहबाज शरीफ सरकार की विनाशकारी नवउदारवादी नीतियों पर है। संघीय बजट से पहले 9 ज...