मानेसर के अमेजन इंडिया कंपनी में कर्मचारियों को शपथ दिलाई गई
16 मई को, उनकी टीम 30 मिनट के चाय ब्रेक के बाद काम पर
लौट आई। फिर उन्हें कसम लेने के लिए कहा गया कि वे दिए गए टार्गेट को पूरा करने तक
कोई ब्रेक नहीं लेंगे। टीम को टार्गेट दिया गया था कि उन्हें 24-24 फीट की 6 असेंबली लाइन से माल नीचे उतारकर
वेयरहाउस तक पहुचाना है .
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार , मई के महीने में , कर्मचारियों से 8
बार ऐसी शपथ दिलवाई गई कि टारगेट
पूरा होने तक कोई भी टॉयलेट या आराम नहीं करेगा।
काम के बोझ के बीच सुपरवाइजर बार-बार कर्मचारियों से इस बात की
पुष्टि कराता रहता है और टारगेट की याद दिलाता रहता है।
एक दूसरे मज़दूर बताते हैं, ” हमें पुरे दिन
में ट्रक से वेयरहाउस तक सामान पहुंचाने में 20 किमी से
ज्यादा चलना पड़ता है। एक पैक को वेयरहाउस में पहुंचाने के बाद ,दूसरे पैक तक पहुंचने के लिए हमें आधा मिनट का समय दिया जाता है।
अगर हमने इससे ज्यादा समय ले लिया तो ये हमारे आराम के समय में गिन लिया जाता है।
पानी पीने- वॉशरूम जाने को भी ये आराम के समय में गिनते हैं। अगर 1 घंटे में ये समय 5
मिनट से ज्यादा हो जाता है तो
फिर आपकी फीडबैक खराब कर दी जाती है। हमारी एक-एक साँस पर कंपनी नज़र रखती है “।
मज़दूर बताते हैं दो दिन पहले काम में तेजी लाने के लिए उनसे टॉयलेट
और पानी छोडऩे की कसम दिलाई गई। टॉयलेट और लॉकर में मज़दूरों को अधिक देर तक
रुकने की मनाही है।
क्या कहती हैं महिलाएं
मानेसर वेयरहाउस में काम करने वाली एक महिला ने कहा कि, ” परिसर में कोई टॉयलेट नहीं है। यदि हम ठीक महसूस नहीं कर रही हैं, तो टॉयलेट या लॉकर रूम में जाना ही एकमात्र विकल्प है। वहां बस
बैठने भर की जगह है। कंपनी ने हमें शपथ दिलाई है कि हमें टॉयलेट नहीं जाना है, पानी पीने का ब्रेक नहीं लेना है”।
महिला वेयरहाउस कर्मचारी
अमेजन इंडिया वर्कर्स यूनियन के संयोजक धर्मेंद्र कुमार ने कहा, “हरियाणा में कारखाने और वेयरहाउस कंपनी को दिल्ली में ग्राहकों की
मांग पूरा करने में सस्ता लेबर मुहैया कराते हैं। दिल्ली में न्यूनतम वेतन 21,000-23,000 रुपये और हरियाणा में 11,000-13,000 रुपये है। टार्गेट इतने अधिक हैं कि उन्हें पूरा करना असंभव है और
बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है।”
उन्होंने कहा,
“यह कानून का उल्लंघन है। लेबर
विभाग इसमें दखल दे सकता है लेकिन मज़दूरों के लिए बहुत कम विकल्प हैं।”
इस बाबत पूछे जाने पर अमेजन इंडिया के प्रवक्ता
ने कहा, “
हम इन
शिकायतों पर गौर कर रहे हैं. लेकिन स्पष्ट रूप से यह कहना चाहते हैं कि हम
कर्मचारियों से कभी टारगेट पूरा करने सम्बन्धी दबाव नहीं डालते। हम सभी व्यावसायिक
मानकों का पूरा ध्यान रखते हैं”।
“लेकिन इसके बावजूद यदि हमें कथित तौर पर किसी
घटना का पता चलता है, तो हम इसे
तुरंत रोकेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि इसमें शामिल प्रबंधक टीम को कर्मचारियों
के स्वास्थ्य और सुरक्षा की हमारी अपेक्षाओं पर फिर से प्रशिक्षित किया जायेगा।
फिलहाल हम इस मामले की जांच कर रहे हैं।”
अमेजन प्रबंधन का यह भी कहना है
कि “कर्मचारियों की सुरक्षा और भलाई उसकी प्राथमिकता है और
जब गर्मी बढ़ जाती है तो उसे मानिटर किया जाता है, वेयरहाउस में वातावरण को ठंडा
रखने की व्यवस्था की जाती है और ज़रूरत पड़े तो काम को रोक देते हैं। हम कामकाजी
स्थितियां बनाए रखने की कोशिश करते हैं। ”
अमेजन की तरफ से पक्ष रखते हुए मैनेजर सुरुचि जाजू कहती हैं, ” कर्मचारी अपनी पूरी शिफ्ट के दौरान टॉयलेट का उपयोग करने, पानी लेने या मैनेजर या एचआर से बात करने के लिए अनौपचारिक ब्रेक
ले सकते हैं, और हम पूरी तरह से इन बातों का
ख्याल रखते हैं। वेयरहाउस का तापमान काम के लायक बनाने के लिए हमने पूरी व्यवस्था
की है। कर्मचारियों की सुरक्षा के साथ हम उनकी स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखते
हैं। ”
लेकिन कंपनी के तमाम दावें मज़दूरों की बातों से जरा भी मेल नहीं
खातें।
मज़दूरों ने अपनी मांग सामने रखते हुए कहा है कि, ” हमारी सैलरी मिनिमम 25 हज़ार की जाये, 8 घंटे के काम का निर्धारण हो। इसके साथ ही फुट रेस्ट के इंतज़ाम किये
जाये और हर घंटे 10 मिनट का फुट रेस्ट दिया जाये”।
वही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने अमेज़न के खिलाफ इस मामले में कार्रवाई करते हुए सु मोटो लिया है,
तथा मानवाधिकार आयोग ने केंद्र सरकार को जांच के बाद रिपोर्ट देने के लिया लिखा .
( सदर्भ –वर्कर्स यूनिटी, इकनोमिक
टाइम्स )
पानी से संबंधित सूचनाओ,समाचारों और सन्दर्भों का संकलन –पानी पत्रक
पानी पत्रक ( 158-15 जुलाई 2024) जलधारा अभियान, 221,पत्रकार कॉलोनी,जयपुर-राजस्थान,302020,संपर्क-उपेन्द्रशंकर-7597088300.मेल-jaldharaabhiyan.jaipur@gmail.com
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